प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचा डीयू-यूजीसी का विवाद

पीएम को लिखा पत्र

पीएम को लिखा पत्र

दिल्ली विश्वविद्यालय में चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम के विरोध में अब यूजीसी और डीयू के बीच की लड़ाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक जा पहुंची है।

डीयू में दाखिला संकट और गतिरोध के खिलाफ जामिया, जेएनयू और इग्नू के शिक्षक संगठन भी उतर आए हैं। इस विवाद में कॉर्डिनेशन कमेटी एंड एसोएशिन ऑफ टीचर्स इन दिल्ली ने डूटा के समर्थन� और डीयू प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

संगठन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

वीसी का पुतला फूंका

वीसी का पुतला फूंका

दिल्ली यूनिवर्सिटी में चार वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स(एफवाईयूपी) को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एफवाईयूपी को खत्म करने के यूजीसी के आदेश के बाद अब छात्र संगठनों ने इसे लागू करने की मांग तेज कर दी है।

मंगलवार को इसी मुद्दे पर कड़ी ब‌हस और विरोध के बीच डीयू के कुलपति ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

बुधवार को एक बार फिर डीयू में छात्रों ने एफवाईयूपी को हटाकर तीन वर्षीय पाठ्यक्रम लागू करने की मांग की। छात्र संगठन, एबीवीपी ने एफवाईयूपी के विरोध में कुलपति का पुतला भी फूंका है। इसी बीच एक ऐसा बयान आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया है।
स्टूडेंट यूनियन ने खोला मोर्चा

स्टूडेंट यूनियन ने खोला मोर्चा

डीयू में दाखिला संकट को लेकर यूजीसी, एचआरडी मिनिस्ट्री और डीयू के बीच बातचीत के बावजूद कोई उचित रणनीति नहीं बन पा रही है।

छात्रों के भविष्य पर संकट आता देख डीयू छात्र संगठन ने डीयू प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन की मांग है कि यूनिवर्सिटी जल्द से जल्द एडमिशन शुरू करे।

बता दें कि एफवाईयूपी को लेकर उठे विवाद के बाद 24 जून को जारी होने वाली पहली कट-ऑफ रोक दी गई है। दूसरे दिन भी कट ऑफ जारी नहीं ‌की गई

'आतंकी की तरह व्यवहार कर रहे हैं वीसी'

‘आतंकी की तरह व्यवहार कर रहे हैं वीसी’

जानकारी के मुताबिक, डीयू के वीसी दिनेश सिंह के इस्तीफा देने के बाद सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल ने बैठक करके फिलहाल एडमिशन नहीं लेने का फैसला किया है।

सूत्रों के अनुसार मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई कि जब तक एफवाईयूपी विवाद नहीं सुलझ जाता, दाखिले नहीं लिए जाएंगे

डीयू टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा कि मौजूदा हालात में एडमिशन लेना ठीक नहीं है। इससे छात्र-छात्राओं को आगे परेशानी हो सकती है। एएनआई के मुताबिक, नारायण ने कहा कि डीयू के कुलपति किसी आतंकी की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

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